पुस्तक समीक्षा : प्रकृति से छेड़छाड़ के प्रति चेताती - सूरज का बिल
सूरज का बिल पुस्तक समीक्षा : प्रकृति से छेड़छाड़ के प्रति चेताती
- पुस्तकः सूरज का बिल
- लेखकः गोविंद शर्मा
- मूल्यः 60 रुपए
- समीक्षक : कृष्णकुमार आशु
Author GOVIND SHARMA Book SOORAJ KA BILL (Hindi) Review
गोविंद शर्मा शिक्षाप्रद, साहसिक और अंधविश्वासों पर चोट करती बाल कहानियों के लिए तो जाने ही जाते हैं, अब उनकी विज्ञान बालकथाएं भी चर्चित होने लगी हैं। हाल ही उनकी एक बाल कहानी की पुस्तक राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से प्रकाशित होकर आई है सूरज का बिल। कवर सहित 24 पृष्ठ की इस छोटी सी पुस्तक में बहुत बड़े मुद्दे को बच्चों के माध्यम से चर्चा में लाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में सूर्य की किरणों से रोशनी ग्रहण करके वाले चांद को सूर्य चमकने का बिल देने की रोचक कथा प्रस्तुत की गई है। कहानी में सूर्य और चंद्रमा की बहस और बीच में धरती के आगमन का बहुत दिलचस्प वृतांत है। इसमें बताया गया है कि किस तरह आदमी अपने स्वार्थों के कारण प्रकृति से खिलवाड़ कर रहा है और अगर समय रहते वह नहीं संभला तो कितना नुकसान हो जाएगा। कहानी में वायुमंडल और अंतरिक्ष की चर्चा करके विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए पुस्तक को लाभकारी बना दिया गया है। कहानी की सरस भाषाए जिज्ञासापूर्ण कथानक और सुदृढ़ शिल्प तो उसकी जान है ही। पुस्तक में धीरज सोमबासी का चित्रांकन प्रभावित करता है तो छपाई और गेटअप भी बहुत प्रभावशाली बन पड़े हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि पुस्तक विज्ञान के विद्यार्थियों के साथ सामान्य विषय के विद्यार्थियों को भी पसंद आएगी।